डेट टू इनकम रेशियोआप सैलरी तो अच्छी पाते हैं, लेकिन उसका अधिकांश हिस्सा पुराने लोन के पुनर्भुगतान में चला जाता है।
आपके सारे लोन पेमेंट्स को आपकी कुल सैलरी से डिवाइड करने पर डेट टू इनकम रेशियो (Debt to Income Ratio) निकलता है। डेट टू इनकम रेशियो जितना कम होगा आपको उतनी अच्छी लोन डील मिल पाएगी।
बैंक लोन के बारे में ज्यादा न्यूज़ और जानकारी के लिए नीचे Learn more पर क्लिक करे।