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इनपुट जीएसटी क्या है? आउटपुट जीएसटी(OUTPUT GST) क्या है? चार टाइप की जो सीजीएसटी(CGST), एसजीएसटी(SGST) आईजीएसटी(IGST), यूटीजीएसटी(UTGST) ये सब क्या है ? जीएसटी के स्लैब कितने होते हैं?
जीएसटी कहता है कि एक देश एक टैक्स होना चाहिए लेकिन ये अधूरा सत्य है गवर्नमेंट के पास पैसे का एक ही स्रोत है, वो टैक्स है अब टैक्स दो तरह से होता है एक डाइरेक्ट जो आदमी से लिया जाता है और एक इंडाइरेक्ट होता है जो किसी चीज़ की खरीद बिक्री पर लगता है। इंडाइरेक्ट टैक्स भी कई तरह के होते थे कस्टम ड्यूटी होती थी कोई विदेश से सामान मांगा दिया तो एक्साइज ड्यूटी सर्विस टैक्स सेल टैक्स, ये इंडाइरेक्ट टैक्स जो है यहाँ इन 17 टैक्स वापस मर्ज कर दिया गया और जो ये इंडाइरेक्ट टैक्स था इंडाइरेक्ट टैक्स को खत्म करके इसी जगह पर लाया गया जीएसटी।
जीएसटी भी एक इंडाइरेक्ट टैक्स होगा तो आप बताइए क्या ये वन नेशन वन टैक्स हुआ ये तो केवल इंडाइरेक्ट टैक्स को जीएसटी में बदल दिया गया। डाइरेक्ट टैक्स में कोई बदलाव नहीं है आज भी आपको डाइरेक्ट टैक्स देना है सेंट्रल गवर्नमेंट का कॉरपोरेशन टैक्स होता है निगम का टैक्स वो काफी ज्यादा इससे इनकम होता है तो डाइरेक्ट टैक्स में कोइ बदलाव नहीं हुआ है। इंडाइरेक्ट टैक्स है जो आपको जीएसटी है, और ये खरीद बिक्री पर आपको देना पड़ता है अब बात करते हैं कि जीएसटी किसको देना पड़ेगा, तो तीन ही लोग को देना पड़ेगा ध्यान से समझिए जिनका सालाना टर्नओवर लेनदेन 20,00,000 का है।
उसके बाद एक और चीज़ होता है ऑनलाइन अगर आप ₹10 का भी होगा तो आपको जीएसटी लगेगा जैसे फ्लिपकार्ट से कोइ सामान मंगवाएंगे तो उस पर जीएसटी लगेगा।
ये 20,00,000 का जो रेसियो है ये पहाड़ी क्षेत्रों जैसे अरुणाचल प्रदेश वगैरह वहाँ 20,00,000 के बिज़नेस का मतलब बहुत बड़ा दुकान हो जाएगा तो वह पहाड़ी एरिया में जनसंख्या कम होती है वहाँ पर कुछ पहाड़ी वाला एरिये बाई इसकी कैटेगरी 10,00,000 रखी गई है।
सीजीएसटी(CGST):- सीजीएसटी का मतलब सेंट्रल जीएसटी
एसजीएसटी(SGST):- एसजीएसटी का मतलब स्टेट जीएसटी
यूटीजीएसटी(UTGGT):- यूटी का मतलब है केंद्र शासित यूनियन टेरिटरी का जीएसटी है
आइजीएसटी(IGST):- इंटिग्रेटेड जीएसटी आईजीएसटी मतलब जैसे एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाएंगे सामान बेचने तो उसे पर आइजीएसटी लगेगा।
यदि आप सेम स्टेट में कोई बिज़नेस कर रहे हैं तो आपको सीजीएसटी और स्टेट जीएसटी/ यूटी जीएसटी देना होगा। यदि आप एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान बेचते है तो आईजीएसटी लगेगा।
जैसे आप कोइ सामान खरीदते है तो उस पर 18% जीएसटी लगेगा। इसमें एसजीएसटी 9% है और सीजीएसटी 9% यानी दोनों जोड़कर 18 होता है। ये हर एक स्टेट में यही रूल लगता है।
लेकिन वैसे राज्य जो यूनियन टेरिटरी जैसे जम्मू कश्मीर, लद्दाख, पांडिचेरी, दिल्ली, तो दिल्ली क्या है, एक यूनियन है। अब दिल्ली ये जो है वो तो सेंट्रल गवर्नमेंट के अंदर है अगर आप दिल्ली में सामान बेच रहे हैं तो सेंट्रल गवर्नमेंट के अंडर में आएँगे तो दिल्ली आपसे क्या लेगा आपसे सेंट्रल गवर्नमेंट की सीजीएसटी और दिल्ली जीएसटी तो ले ही नहीं सकता क्योंकि वो स्टेट तो है ही नहीं है दिल्ली जो है वो यूनियन टेरिटरी हैं तो केवल यहाँ यूटीजीएसटी लगेगा।
अगर एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान चला गया था तो उसे कहते हैं आईजीएसटी यानी इंटीग्रेटेड जीएसटी, इंटिग्रेटेड जीएसटी तभी लगेगा जब एक राज्य से दूसरे राज्य में आपका सामान जाएगा यदि कोई सामान राजस्थान में बन रहा है और वो चला आया आपका बिकने के लिए उत्तर प्रदेश। इस कंडीशन में आईजीएसटी चार्ज होगा जो केंद्र सरकार के पास जाएगा जो बाद में केंद्र यूपी सरकार को दे देगा । क्योकी सामान को यूपी में बेचा रहा है। इसी लिए डेस्टिनेशन जीएसटी भी कहते हैं, क्योंकि ये वही लगता है जहाँ सामान को आदमी खरीदता है। इससे फायदा क्या हुआ, देखिए राजस्थान को फायदा ये हुआ कि वहाँ सामान बना उसका रोजगार वहा के लोगो को मिला और यूपी को फायदा ये हुआ कि सामान अल्टीमेट यहाँ बिकने आया था इसलिए इसको टैक्स मिल गया।
आप पहले पुराना तरीका समझे क्या होता था हर राज्य जो थे अपने अपने मर्जी से टैक्स लेते थे यू पी लेता था 12% सर्विस टैक्स तो बिहार लेता था 14% अब आप बताइए किसी सामान पर अगर यूपी में 12% टैक्स है तो वही सामान पर अगर बिहार में 14% है तो बिहार में सामान महंगे हो जाएंगे इसलिए बिहार के लोग समीपवर्ती जिला जो यूपी से सटा रहता था वो सामान खरीदने यूपी चले जाते थे।
पहले क्या होता था सामान जहा बनाता था टैक्स उसी राज्य को मिलता था सिर्फ। जैसे गुजरात सरकार होशियार थी। इसमें गुजरात सरकार ने कहा कि भाई हम टैक्स सबसे कम लेंगे हमारे यहाँ जो भी कंपनी आएगी सामान बनाने के लिए। पहले सारा सारा का सारा सामान गुजरात में बनाती थी तो सेंट्रल गवर्नमेंट को दे दी थी एक्साइज ड्यूटी और गुजरात को देती थी। सामान गुजरात से बना बना के पूरा हिंदुस्तान बेचती थी। बाकी राज्य चुपचाप देखते रहते थे। गुजरात से आया है, हमको ना टैक्स मिलाना ना कुछ अब फायदा होगा। इसीलिए पहले के जमाने में फैक्ट्रियां गुजरात महाराष्ट्र मेँ भाग गयी गुजरात महाराष्ट्र गवर्नमेंट के पास बहुत पैसा था उन लोगों ने अपना टैक्स का जो रेसियो कम कर दिया था दिया।
जीएसटी(GST) आ जाने से हर जगह टैक्स बराबर है तो हम गुजरात में बना के हम असम में क्यों बेचेंगे। हमारा ट्रांसपोर्ट का खर्च आएगा। अब हम एक छोटा सा कारखाना गुजरात में लगा देते हैं जो इस एरिया को कवर करेगा। और असम में भी लगा देते हैं इस एरिया को डेवलप करेगा।
आप पूरे हिन्दुस्तान में कही लीजिए सेम ब्रैंड का सामान लीजिये आपको एक ही दाम में मिलेगा। अगर जैसे कार है कोई लग्जरी कार 28% टैक्स है आप दिल्ली में लीजिए या कन्याकुमारी कश्मीर कहीं भी लीजिए दाम एक ही होगा। क्योंकि जीएसटी में आ गया है।
अब पेट्रोल जीएसटी(GST) के दायरे में नहीं आया। आप दिल्ली में पेट्रोल लेंगे तो अलग दाम होगा, गुजरात मिलेंगे तो अलग हो गया। शराब जीएसटी में नहीं आया दिल्ली में शराब का रेट अलग हैं यूपी में शराब का रेट अलग है।
आउट जीएसटी और इनपुट जीएसटी जैसे मान लीजिए कि हम एक दुकानदार हैं हम कोई सामान खरीद के लाएं ₹100 का सामान खरीदकर लाए तो उसपे 10% जीएसटी है तो हमको वो सामान कितने का पड़ेगा ₹110 यहाँ हमने जीएसटी के रूप में कितना दे दिया ₹10 यहाँ दे दिया। अब उसी सामान को हम दूसरे को बेचेंगे तो हमको इसमें प्रॉफिट भी होना चाहिए। हम सोचेंगे हमको खुद 110 का पड़ा है ये काम करते है हम इसको ₹150 में बेचेंगे जो खरीदेगा हमसे वो फिर हमको जीएसटी देगा। इस पर 10% तो 150 में 10% जीएसटी जोड़ देंगे तो हमको मिल गया ₹165 अब आप बताइए ₹10 हम यहाँ जीएसटी दिए हैं अपने जेब से और वो बंदा जो हमसे खरीदा है वो भी 10% यानी ₹15 यहाँ जीएसटी दे दिया है एक 150 का 10% तो जीएसटी ₹15, .तो क्या फिर ₹15 भी गवर्नमेंट को दें देना होगा। ऐसा कुछ भी नहीं ही हमने ₹10 पहले दिया अब जो ₹15 का जीएसटी है हम ₹15 नहीं देंगे क्योकि हमने ₹10 पहले दे दिया है अब हम जीएसटी ₹15 में से ₹10 घटा देंगे जो की ₹5 है वो देंगे इस तरह से आउट जीएसटी हमारा ₹10 हुआ और इन जीएसटी ₹5 हुआ। अब हमने दोनों जीएसटी मिलाकर ₹10 और ₹5 → ₹15 दे दिया।
तो अगर कोइ जीएसटी चोरी कर लिया तो उसको को 5 साल का जेल होगा।
राष्ट्रपति ने जीएसटी बिल पर साइन कब किया था तो 8 सितंबर 2016 को तो 8 सितंबर 2016 को राष्ट्रपति ने साइन कर दिया क्योंकि इसमें राज्यों के भी हित को रखा गया था।
इसलिए संविधान है कि राष्ट्रीय राज्य भी इसमें क्या करेंगे सहमति देंगे सबसे पहले कौन से राज्य में सहमति दिया था तो असम ने सबसे पहले और बाद में जम्मू कश्मीर इसे लागू कर दिया गया सबको पता है। 1 जुलाई 2017 से पूरे देश में ये हमारा जीएसटी लागू हो गया। जीएसटी में पांच मूल दरें शामिल हैं: 0 प्रतिशत, 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत।
8 सितंबर 2016 को राष्ट्रपति ने जीएसटी बिल पर साइन किया।
असम जीएसटी लागू करने वाला पहला राज्य बना।
जम्मू एंड कश्मीर
1 जुलाई 2017 से पूरे देश में ये हमारा जीएसटी लागू हो गया।
जीएसटी बिल को पारित करने के लिए 101वां संवैधानिक संशोधन किया गया है।
33
कनाडा
15
20 लाख
जीएसटी में पांच मूल दरें शामिल हैं: 0 प्रतिशत, 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत।
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