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MSME को माइक्रो स्माल मीडियम इंटरप्राइजेज (MICRO SMALL MIDIUM INTERPRISES) कहते है जिसे हिंदी में सूक्ष्म लघु माध्यम उद्योग कहते है। MSME में मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विसेज क्षेत्र दोनों को लिया जाता है। इन्वेस्टमेंट और टर्नओवर के आधार पर हम दोनों क्षेत्र को माइक्रो, सूक्ष्म और स्माल क्षेत्र में विभाजित कर सकते है।
MSME का हमारे समाज में बहुत बड़ा योगदान है। हमारे देश में 45% से ज्यादा रोजगार MSME क्षेत्र से आता है। हमारे देश में 50% से ज्यादा एक्सपोर्ट MSME से होता है। हैवी उद्योग के मैन्युफैक्चरिंग का 80% उत्पादन MSME के द्वारा होता है।
यदि MSME ठप्प हो गया तो देश का आधी जनता बेरोजगार हो जायेगी। हमारे देश MSME के ऊपर ज्यादा निर्भरता है। देश के अधिकाँश लोगो की रोजी रोटी MSME उद्योग से चलती है।
MSME उपक्रम की शुरुवात भारत सरकार द्वारा 2006 में की गयी थी। जिससे MSME क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और लोगो को अधिक से अधिक रोजगार मिलेगा। MSME में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया गया है।
उद्योग के प्रकार (2006 ) | मैनुफैक्चरिंग सेक्टर | सर्विस सेक्टर |
सूक्ष्म उद्योग | 25 लाख तक | 10 लाख तक |
लघु उद्योग | 25 लाख से 5 करोड़ रुपये तक | 10 लाख से 2 करोड़ के बीच |
मध्यम उद्योग | 5 करोड़ से 10 करोड़ के बीच | अधिकतम 5 करोड़ तक |
यह अधिनियम का प्रावधान 2006 से चल रहा था जिसे 2018 में संशोधन किया गया और MSME के प्रावधान में अधिक छूट के साथ नए व्यवस्था की गयी। जिसमे इन्वेस्टमेंट के साथ कंपनी के टर्न ओवर के को शामिल किया गया और टैक्स का निर्धारण किया गया।
उद्योग के प्रकार (2018 ) | टर्न ओवर |
सूक्ष्म उद्योग | 5 करोड़ से कम सालाना टर्नओवर |
लघु उद्योग | 5 करोड़ से 75 करोड़ के बीच सालाना टर्नओवर |
मध्यम उद्योग | 75 करोड़ से 250 करोड़ के बीच सालाना टर्नओवर |
यह अधिनियम का प्रावधान 2018 से चल रहा था जिसे 2020 में कोरोना राहत पैकेज के साथ संशोधन किया गया और MSME के प्रावधान में अधिक छूट के साथ नए व्यवस्था की गयी। जिसमे इन्वेस्टमेंट के साथ कंपनी के टर्न ओवर के को शामिल किया गया और टैक्स का निर्धारण किया गया।
Sno | उद्योग के प्रकार (2020) | टैक्स स्लैब | मैनुफैक्चरिंग सेक्टर/सर्विस सेक्टर(इन्वेस्टमेंट ) | मैनुफैक्चरिंग सेक्टर/सर्विस सेक्टर(टर्न ओवर) ) | |
1 | सूक्ष्म उद्योग | 8% | 1 करोड़ | 5 करोड़ | |
2 | लघु उद्योग | 10% | 10 करोड़ | 50 करोड़ | |
3 | मध्यम उद्योग | 12% | 20 करोड़ | 100 करोड़ |
MSME स्कीम का लाभ उठाने के लिए भारत सरकार के वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रशन(Msme registration online) करना होत्ता है। रजिस्ट्रेशन के बाद आप MSME स्कीम का लाभ उठा सकते है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र का देश के विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। लघु उद्योग क्षेत्र के योगदान को देखते हुए सरकारी बैंक के साथ ही साथ प्राइवेट क्षेत्र की नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियां (एनबीएफसी) भी कम ब्याज दर बिजनेस लोन प्रदान कर रही हैं।
1 – MSME के द्वारा हमारे देश के लोगो को 45% से ज्यादा का रोजगार मिलता है।
2 :- MSME के द्वारा 50 % से ज्यादा एक्सपोर्ट किया जाता है।
3 :- 80 % उद्योग के सामानो की मैन्युफैक्चरिंग ऍमएसऍमई के द्वारा होती है।
4 :- 6500 से ज्यादा प्रोडक्ट हमारे देश में ऍमएसऍमई कंपनी के द्वारा बनायी जाती है।
5 :- देश के विकाश(GDP) में 10 % का योगदान है।
सरकार आपको ऍमएसऍमई लोन दे रही है जिसे आप आसानी के साथ ले सकते है। इसके लिए लिए आपको बैंक के कुछ आसान शर्तो को पालन होगा। एमएसएमई लोन को अप्लाई करने केलिए 3 साल पुरानी एमएसएमई रजिस्ट्रेशन अगर आपके पास है आपकी 25उम्र से 55 साल के बीच में है यानी कि जो इंडिविजुअल एमएसएमई बिजनेस पर रजिस्टर्ड है 25 से 55 साल की उम्र का है और 3 साल पुराना आपका बिज़नेस है आप एमएसएमई लोन को अप्लाई करके एमएसएमई लोन की सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज: – | |
पहचान प्रमाणपहचान पत्र | पैन कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस / पासपोर्ट / मतदाता/ आधार कार्ड |
पता प्रमाण | पासपोर्ट / ड्राइविंग लाइसेंस / मतदाता पहचान पत्र / आधार कार्ड / उपयोगिता बिल / बैंक विवरण / बैंक खाता पासबुक (अपडेट किया गया और 2 महीने से अधिक पुराना नहीं) ) |
स्वामित्व प्रमाण | अनुबंध प्रति / बिजली बिल / शेयर प्रमाण पत्र के साथ रखरखाव बिल / नगर कर बिल / शेयर प्रमाण पत्र |
व्यापार निरंतरता प्रमाण / कार्यालय पता प्रमाण / कंपनी केवाईसी | दुकान स्थापना प्रमाण पत्र / कर पंजीकरण-वैट / सेवा कर / जीएसटी पंजीकरण/कंपनी पैन कार्ड |
फर्म संविधान (फर्म कॉन्स्टिटूशन ) | एमओए , एओए, पार्टनर शिप डीड, जीएसटी पंजीकरण प्रमाणपत्र, कंपनी पैन कार्ड, MSME रजिस्ट्रशन पत्र |
वित्तीय(फाइनेंसियल ) | 1. नवीनतम दो साल का वित्तीय (बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस , अचल संपत्ति, डेप्रिसिएशन,, सभी अनुसूची 2. नवीनतम टैक्स ऑडिट रिपोर्ट। |
बैंकिंग | पिछले बारह महीने का बैंक स्टेटमेंट (बिजनेस अकाउंट्स) |
ऑफिस एड्रेस प्रूफ/ कंपनी केवाईसी | दुकान और स्थापना प्रमाणपत्र/कर पंजीकरण-वैट/सेवा कर/जीएसटी पंजीकरण |
सबसे पहले हम यह जानेंगे की गवर्नमेंट सब्सिडी और इंसेंटिव में क्या डिफरेंस है ? सब्सिडी आपको नॉर्मली टैक्स पर छ्हूत मिलता है जैसे की आपका टैक्स स्लैब दस पर्सेंट है और सरकार आपसे 8 पर्सेंट टैक्स लेगी यानी की अपफ्रंट आपको दो परसेंट की छूट दे रही इसे हम सब्सिडी बोलेंगे। जबकि इन्सेंटिव में ये नहीं होता है। इंसेंटिव में आपको टैक्स पूरा डेपोजिट करना होता है जिसे सरकार बाद में अपनी पालिसी के हिसाब से आपको टैक्स का कुछ हिस्सा वापस आरती जिसे इंसेंटिव कहते है।
गवर्नमेंट सब्सिडी अगर इनडायरेक्ट टैक्सेस के फॉर्म में देती है तो आप में प्राइसिंग कम्पटीट कर सकते हैं मार्केट में। आप दूसरों से कम रेट में माल भेज सकते हैं या फिर अच्छी प्रॉफिट मार्जिन करके आप मार्केट में टिक सकते हैं। इनडायरेक्ट टैक्सेस से काफी ज्यादा बेनिफिट होता है।
सबसे पहले हम यह जानेंगे की गवर्नमेंट सब्सिडी और इंसेंटिव में क्या डिफरेंस है ? सब्सिडी आपको नॉर्मली टैक्स पर छ्हूत मिलता है जैसे की आपका टैक्स स्लैब दस पर्सेंट है और सरकार आपसे 8 पर्सेंट टैक्स लेगी यानी की अपफ्रंट आपको दो परसेंट की छूट दे रही इसे हम सब्सिडी बोलेंगे। जबकि इन्सेंटिव में ये नहीं होता है। इंसेंटिव में आपको टैक्स पूरा डेपोजिट करना होता है जिसे सरकार बाद में अपनी पालिसी के हिसाब से आपको टैक्स का कुछ हिस्सा वापस आरती जिसे इंसेंटिव कहते है।
1 – ऍमएसऍमई के द्वारा हमारे देश के लोगो को 45% से ज्यादा का रोजगार मिलता है।
2 :- MSME के द्वारा 50 % से ज्यादा एक्सपोर्ट किया जाता है।
3 :- 80 % उद्योग के सामानो की मैन्युफैक्चरिंग ऍमएसऍमई के द्वारा होती है।
4 :- 6500 से ज्यादा प्रोडक्ट हमारे देश में ऍमएसऍमई कंपनी के द्वारा बनायी जाती है।
5 :- देश के विकाश(GDP) में 10 % का योगदान है।
पहला ऍमएसऍमई अधिनियम 2006 में बना।
माइक्रो स्माल मीडियम इंटरप्राइजेज
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